सबको अपनी-अपनी ही चिंता है, मौका परस्ती सब में है छाई।। सबको अपनी-अपनी ही चिंता है, मौका परस्ती सब में है छाई।।
कह सकता नहीं क्योंकि मिलने का मौका मिलता नहीं कह सकता नहीं क्योंकि मिलने का मौका मिलता नहीं
गया वो अजनबी रिश्ता इंसानियत नाम था जिसका। गया वो अजनबी रिश्ता इंसानियत नाम था जिसका।
बहुत कुछ हार गए हम तुम्हें अपना समझ कर के अब खुद अपना गुनहगार मैं नहीं बनूँगी बहुत कुछ हार गए हम तुम्हें अपना समझ कर के अब खुद अपना गुनहगार मैं नहीं बनूँगी
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जिंदगी ना दोबारा, फिर पायेगा। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जिंदगी ना दोबारा, फिर पायेगा।
मन में असंख्य जिज्ञासाएँ थीं, आपने सुनना ही नहीं चाहा मन में असंख्य जिज्ञासाएँ थीं, आपने सुनना ही नहीं चाहा